छोटे बच्चों की कहानियां

छोटे बच्चों की कहानियां

छोटे बच्चों की कहानियां, जब दादा जी अपने पोते के साथ टहलने जाते है. तब पोता कहता है की यह देखो दादा जी यह पेड़ बहुत सूखा हो गया है. यह देखकर दादा जी कहते है की इससे तुम्हे क्या पता चलता है. यह सुनकर पोता कुछ नहीं कहता है क्योकि वह नहीं जानता है. यह पेड़ क्यों सूख गया है. दादा जी कहते है. जब तुम्हे भूख और प्यास लगती है. तुम क्या कहते हो.

दादा जी और पोते की कहानी :- छोटे बच्चों की कहानियां

छोटे बच्चों की कहानियां
छोटे बच्चों की कहानियां

पोता कहता है. की मुझे जब भूख और प्यास लगती है. उसके बाद में भोजन करता हु. पानी पीता हु. यह सुनकर दादा जी कहते है. जब पेड़ो को भी भूख लगती है. उन्हें पानी की जरूरत पड़ती है. मगर उन्हें पानी नहीं मिलता है. फिर दादा जी कहते है यह पेड़ बोल नहीं सकते है. इसलिए कोई भी इन्हे पानी नहीं दे पाता है. मगर हमे यह बात सोचनी चाहिए की हमे बिना मांगे ही इन्हे पानी देना चाहिए. यह सुनकर अब पोता कहता है की मुझे समझ आया है.

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छोटे बच्चों की कहानियां, इस पेड़ को पानी नहीं मिल पाया था. इसलिए सूख गया है. अब दादा जी कहते है तुम्हे समझ आया है. जब पेड़ को पानी नहीं मिलता है. वह सूख जाते है. इसलिए पेड़ो को पानी देना चाहिए. यह कहानी हमे यही शिक्षा देती है. जो भी पेड़ सूख रहे है. उन्हें पानी जरूर मिलना चाहिए मगर हम इस बात पर ध्यान नहीं देते है. पेड़ सूख जाते है. इसलिए हमे हर रोज दिन में दो बार पानी जरूर देना चाहिए इससे हमारे पेड़ हरे भरे रहते है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.

सफ़ेद परी छोटे बच्चों की कहानियां

यह उस सफ़ेद परी की कहानी है. जिसको एक छोटे बच्चे ने देखा था. यह उस दिन की बात है. जब वह बच्चा शैतानी कर रहा था. वह अपने माता पिता की बात नहीं सुनता है. जब माता को गुस्सा आता है. वह उससे कहती है. अगर तुम हमारी बात नहीं सुनते हो. तो तुम्हे आज कुछ नहीं मिलने वाला है. उसे ऊपर के कमरे में बंद कर दिया जाता है. वह बच्चा चुप ही रहता है.

 

उसे शैतानी करना अच्छा लगता है. इसलिए वह अधिक शैतानी करता है. जब बहुत देर हो जाती है. वह अपनी माता को बुलाता है. उसे लगता है. सभी उससे बहुत गुस्सा हो गए है. मगर कोई भी उसकी बात नहीं सुनता है. वह खिड़की के पास जाकर बैठ जाता है. रात हो गयी थी. वह तारों को देखता है. तारों के बीच से एक सफ़ेद परी आती हुई नज़र आती है. वह अपनी आँखों पर यकीन नहीं कर रहा था. क्योकि उसने कहानी में सूना था. सफ़ेद परी होती है. मगर वह सच में आ गयी है. यह बात सूए समझ नहीं आयी थी. वह सफ़ेद परी आती है. बच्चे से कहती है.

 

अपनी खिड़की को खोल दो. वह खिड़की खोलता है. सफ़ेद परी अंदर आती है. वह कहती है. तुम बहुत शैतानी करते हो. यह बहुत अच्छी बात नहीं है. मुझे अभी पता चला है. तुम्हे यहां पर सजा भी मिली है. वह बच्चा कहता है. आप सही कह रही है. आज से में कभी भी शैतानी नहीं कर सकता हु. वह सफ़ेद परी की बात मानता है. सफ़ेद परी उसके साथ खेलती है. उसे बहुत अच्छा लगता है. उसके बाद सफ़ेद परी कहती है. आज से तुम बहुत अच्छे बच्चे बन जाओ. फिर में भी तुम्हारे साथ खेले जरूर आती हु. वह बच्चा अब शैतानी नहीं करता है. जब कुछ देर बाद माता आती है.

 

छोटे बच्चों की कहानियां, वह सफ़ेद परी चली जाती है. अब वह बच्चा कहता है की आज से में शैतानी नहीं कर सकता हु. वह बात मान गया था. इसलिए हर रोज वह सफ़ेद परी उसके पास आती है. उस दिन के बाद वह बच्चा सुधर गया था. यह कहै हमे कहती है. जीवन में हमे अच्छे काम करने चाहिए. क्योकि उसके बाद ही सफ़ेद परी खुश हो जाती है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.

बोलती गुफा बच्चो की कहानी

यह कहानी उस गुफा की है. जोकि बोलती है. मगर जब यह बात कुछ बच्चो को पता चलती है. तो वह देखने आते है. क्योकि उन्हें लगता है. वह गुफा कैसे बोलती है. वह उस गुफा के पास पहुंच जाते है. अब सोचते है की कौन पहले यह बात पता करे की यह गुफा कैसे बोलती है. क्योकि अभी तो कोई आवाज नहीं आती है. वह कुछ समय इंतज़ार करते है.

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अब तक वह गुफा बोलती नहीं है. मगर जब बहुत समय हो जाता है.

वह गुफा बोलती नहीं है. तो एक बच्चा कहता है की इस गुफा में कौन है.

फिर गुफा से कुछ अजीब आवाज आती है. सभी डर जाते है. उन्हें समझ नहीं आता है.

इस गुफा में क्या है. वह बहुत डर गए थे. इसलिए पास के गांव से कुछ लोगो को बुलाकर लाते है.

क्योकि उन्हें समझ नहीं आता है. उस गुफा में कौन है. फिर सभी गांव के लोग आते है.

वह गुफा के पास आते है. फिर कुछ अजीब आवाज आती है.

 

वह सभी भी डर जाते है उन्हें लगता है की यहां पर कोई भूत है.

इसलिए वह गांव वाले और लोगो को भी बुलाते है. जिससे पता चल जाए की वह भूत यहां पर है

बहुत से लोग गुफा के बाहर आ गए थे. आज वह भूत बचने वाला नहीं था.

क्योकि कुछ गांव के लोग यहां पर थे वह आवाज आती है.

सभी गुफा में एक साथ जाना चाहते है मगर गुफा के बाहर कोई आता है. वह एक गधा था.

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छोटे बच्चों की कहानियां, जोकि बहुत घायल था. इसलिए वह आवाज कर रहा था. अब सभी को समझ आता है. यहां पर कोई नहीं है. यह गधा हमे डरा रहा था. हम सभी बना असोचे समझे डर रहे थे. इसलिए कहते है की जब तक आपको सही ज्ञान नहीं होता है. तब तक आप डरते है. जबकि पहले उस गुफा में देखना चाहिए था. कौन है उसके बाद ही किसी फैसले पर जाना चाहिए था.

दादा जी और पोते की दूसरी कहानी :- छोटे बच्चों की कहानियां 

पोते दादा जी के साथ चल रहा था, मगर दादा जी का ध्यान नहीं था. वह देखते है की वह पोता पौधे को तोड़ता हुआ जाता है. यह अच्छी बात नहीं थी. इसलिए दादा जी पोते को समझाते है. वह कहते है. की तुम्हे यह सब नहीं करना चाहिए. यह सुनकर वह दादा जी से कहता है. इससे कुछ नहीं होता है. क्योकि यह पौधे ही तो है. इससे कुछ नहीं होगा.

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दादा जी को अब लगता है. मुझे कुछ करना ही होगा.

क्योकि पोता समझने वाला नहीं है. दादा जी कहते है तुम्हे मेरे साथ में आना चाहिए

वह पोता अपने दादा जी के साथ में जाता है.

दादा जी दिखाते है. जब यह सूर्य की रौशनी पड़ती है.

उसके बाद पानी दिया जाता है. यह पेड़ धीरे धीरे बड़ा हो जाता है. यह सुनकर पोता कहता है

की मुझे लगता था. इनमे कोई जीवन नहीं है. दादा जी कहते है की ऐसा नहीं है.

इनमे जीवन है. अगर इनमे जीवन नहीं होता तो यह बड़े कैसे हो सकते थे.

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छोटे बच्चों की कहानियां, आज तुम छोटे हो. मगर धीरे धीरे समय के साथ तुम बढ़ने लगते हो. इससे पता चलता है. इनमे जीवन है. अगर पेड़ में जीवन नहीं होता तो हमे यह हवा क्यों मिलती क्योकि यह पेड़ हमे सांस लेने में मदद करते है. यह प्रदूषण से होने वाली हवा को शुद्ध करते है. अपने दादा जी की बात को वह पोता समझ गया था. अब उसे पता चल गया था यह पेड़ पौधे हमारे लिए बहुत जरुरी है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.  

बच्चों की बाल कहानियां

लोमड़ी ने देखा की एक लड़का रोटी लेकर जा रहा था वह लोमड़ी सोचती है अगर यह रोटी मुझे मिल जाए तो बहुत अच्छा होगा. वह मौका देख रही थी. वह छोटा बच्चा था उसके हाथ में रोटी थी. जैसे ही उसके हाथ से रोटी गिरती है. वह लोमड़ी आती है. उसकी रोटी ले जाती है. वह रोने लगता है जब उसकी माता आती है वह देखती है. की वह लोमड़ी उसकी रोटी ले गयी है. तो उसे बहुत गुस्सा आता है.

 

क्योकि वह उसके बेटे की रोटी ले गयी थी. ऐसा हर रोज हो रहा था.

वह लड़का रोता था. अब वह माता सोचती है.

की उस लोमड़ी को सबक सिखाना चाहिए

क्योकि वह उसके लड़के की रोटी ले जाती है. इसलिए वह माता जब अपने लड़के को रोटी देती है.

वह उसके पास ही रहती है.

क्योकि वह देखना चाहती है. की कब उससे वह लोमड़ी रोटी ले जा सकती है.

जब वह लोमड़ी आती है. वह लड़के की माता उस पर एक टोकरा डालती है.

लोमड़ी उसके अंदर रह जाती है. वह बहुत डरती है.

क्योकि वह पकड़ी गयी है. वह लोमड़ी सोचती है.

 

छोटे बच्चों की कहानियां, आज उसने मुझे पकड़ लिया है अगर में उस लड़के को बार बार परेशान नहीं करती तो यह सब कुछ नहीं होता, इसलिए कहते है की जीवन में हमे किसी को भी परेशान नहीं करना चाहिए. क्योकि उसके बाद हमेशा समस्या का सामना करना पड़ता है. इसलिए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

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