Lomdi ki kahani and baccho ki kahani with lomdi
Lomdi ki kahani, लोमड़ी की नयी कहानी, वह लोमड़ी सभी बच्चों को देख रही थी उसे लग रहा था कि यह सभी बच्चे को परेशान कर सकती है इसलिए लोमड़ी दूर खड़ी हुई है उन्हें देख रही थी वह लोमड़ी उनके पास नहीं जा सकती थी क्योंकि बहुत सारे बच्चे एक साथ खड़े हुए थे उसे लग रहा था कि यह मुझ पर भी हमला कर सकते हैं
लोमड़ी की नयी कहानी :- Lomdi ki kahani and baccho ki kahani with lomdi

इसलिए सभी bacche दूर खड़े हुए खेल रहे थे उनकी नजर लोमड़ी पर बिल्कुल भी नहीं गई थी जब सभी बच्चे खेल कर थक चुके थे तो वे अपने घर जाना चाहते थे इसलिए bacche अभी घर जाने की तैयारियां कर रहे थे उनमें एक सबसे छोटा baccha था जो कि बहुत धीरे धीरे चलता था लोमड़ी इस बच्चे का शिकार करना चाहती थी सभी बच्चे धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे और उनमें से सबसे धीरे चलने वाला बच्चा बहुत ही धीरे चल रहा था.
कौन सा बच्चा हमारे साथ नहीं आया :-
कभी-कभी वह बैठ जाता था वैसे भी बच्चों से पीछे रह गया था और लोमड़ी ने उसे देख लिया था लोमड़ी अब उसके आगे पहुंच गई थी और अब आगे नहीं बढ़ सकता था वह डर चुका था कि लोमड़ी उसके सामने खड़ी हुई है वह रोने लगा वह आगे नहीं बढ़ पा रहा था वह लोमड़ी उस बच्चे को देख रही थी बच्चे ने जब रोना शुरू किया तो सभी बच्चों को उसकी आवाज आने लगी वह सोचने लगे कि कौन सा बच्चा हमारे साथ नहीं आया
सभी बच्चे देखने लगे तभी उन्हें पता चला कि वह छोटा बच्चा जो बहुत धीरे चलता है वह हमारे पास नहीं है सभी बच्चे उसी और जाते हैं और देखते हैं कि एक लोमड़ी खड़ी हुई है और वह बच्चे को जाने नहीं दे रही सभी बच्चों ने मिलकर उसे भगाने की कोशिश की और कुछ देर बाद लोमड़ी वहां से भाग गई क्योंकि बच्चे बहुत अधिक संख्या में थे और लोमड़ी उनका सामना नहीं कर सकती थी लोमड़ी जा चुकी थी
अगर लोमड़ी तुम पर हमला करती :-
सभी बच्चे अब शांत बैठ गए थे उन्हें लग रहा था कि आज लोमड़ी बहुत कुछ कर सकती थी अगर उस बच्चे की आवाज ना सुनते ही तो शायद ही बच्चा खतरे में आ सकता था अब सभी बच्चे अपने घर एक साथ जा रहे थे सभी का ध्यान रख रहे थे उन्हें पता था कि अगर कोई भी पीछे रह गया तो शायद वह लोमड़ी दोबारा सकती है but अब वह एक साथ थे और उन्हें परेशानी नहीं हो रही थी सभी घर आ गए थे और सभी अपने-अपने घर पहुंच चुके थे तभी उनके माता-पिता ने कहा कि तुम्हें एक साथ रहना चाहिए था अगर लोमड़ी तुम पर हमला करती तो बहुत बुरा हो सकता था
इसलिए सभी को एक साथ रहना चाहिए जब तक हम एक साथ में रहते हैं तो कोई भी जानवर हमारे पास नहीं आता है क्योंकि हम सब एक साथ हैं और हमारी ताकत भी एक साथ ही रहती है सभी बच्चे समझ गए थे कि एक साथ रहने में ही हमारी भलाई है जब तक हम एक साथ है तो कोई मुसीबतों का सामना नहीं कर सकती है अगर आपको लोमड़ी की कहानी (lomdi ki kahani and baccho ki kahani with lomdi) पसंद नहीं है तो आगे शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं.
लोमड़ी और कौआ की कहानी :- lomdi ki kahani
जब लोमड़ी ने देखा की एक कौआ रोटी लेकर आया है. उसे वह रोटी चाहिए थी. क्योकि वह लोमड़ी बहुत भूखी थी. वह कौआ से रोटी कैसे ले सकती है. यह बात लोमड़ी सोचती है. मगर अभी उसे कोई रास्ता नज़र नहीं आता है. कुछ देर सोचने के बाद लोमड़ी को लगता है. अगर वह कौआ की तारीफ करती है. तो शायद वह बहुत खुश हो सकता है. इसलिए वह लोमड़ी उस कौआ के पास जाती है.
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वह लोमड़ी उस पेड़ के पास आ गयी थी. जिसके पास वह कौआ बैठा था. वह कौआ देखता है. लोमड़ी आयी है. वह मुझसे रोटी लेना चाहती है. मगर में उसे रोटी नहीं दे सकता हु. वह कौआ रोटी अपनी चोंच में लेकर बैठा था. वह लोमड़ी कहती है. तुम बहुत मीठा बोलते हो. जब से मेने तुम्हारी मीठी बोली को सुना है. तब से मुझे लगता है. तुम्हारी मीठी बोली को बार बार सुनना चाहिए. अब वह कौआ बहुत खुश हो गया था. क्योकि लोमड़ी रोटी लेने नहीं आयी है.
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कौआ लोमड़ी को अपनी बात कहता है. क्योकि वह बहुत मीठा बोलता है. जैसे ही कौआ ने बोलना शुरू किया तब रोटी नीचे गिर गयी थी. अब लोमड़ी रोटी लेकर भाग जाती है. अब कौआ को समझ आ गया था. उसे किसी की बातो में नहीं आना चाहिए था. क्योकि अपनी तारीफ सुनकर वह रोटी को गिरा चूका था. इसलिए जब भी कोई आपकी तारीफ करता है. तो उसके पीछे का मकसद पता जरूर करे.
लोमड़ी को मिला सबक हिंदी कहानी :- Lomdi ki kahani
लोमड़ी सोच रही थी, अगर उसके भोजन की व्यवस्था आसानी से हो जाये,
तो उसकी परेशानी दूर हो सकती है, लेकिन लोमड़ी के लिए ऐसा कैसे होगा,
वह अपने दिमाग में सोच रही थी उसे कोई योजना मिल जाये, क्योकि वह लोमड़ी बहुत तेज थी,
तभी उसकी नज़र खरगोश पर जाती है, वह सोचती है,
पहले इसका शिकार किया जाये, तभी कुछ अच्छा होगा,
वह उस पर हमला करती है,
खरगोश बिल में छुप जाता है, लोमड़ी अब बिल के बाहर इंतज़ार करती है,
लेकिन कुछ भी नहीं होता है, वह खरगोश दूसरे बिल से बाहर आ जाता है,
लोमड़ी को कुछ भी समझ नहीं आता है, क्योकि उसक शिकार दूर हो गया था,
लोमड़ी चली जाती है, सभी खरगोश मिलकर एक योजना बनाते है,
वह उस लोमड़ी को हमेशा के लिए सब सीखा सकते है,
लेकिन यह कैसे होगा, तभी उन्हें एक विचार आता है, खरगोश उसी काम पर लग जाते है,
खरगोश कहता :-
सभी मिलकर एक बहुत सारे बिल बनाते है, उनमे से एक बिल बड़ा कर देते है, जिसका दूसरा सिरा दलदल में खुल जाता है, वह जानते थे यह बिल लोमड़ी के लिए अच्छा होगा, अगले दिन वह लोमड़ी उस खरगोश को देखती है, वह उसक पीछा करती है, वह बिल के अंदर भी जाती है, उसके बाद दलदल में गिर जाती है, वह बहुत कोशिश करती है, लेकिन बाहर नहीं आती है, वह खरगोश कहता है,
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तुम अपने आपको बहुत तेज समझती हो, क्योकि तुम अपने बारे में सोचती हो, अगर तुम सभी के लिए अच्छा सोचती हो तो शायद यह सब नहीं होता आज लोमड़ी को सबक तो मिल गया था, लेकिन उसके लिए बहुत देर हो गयी थी, अगर वह सही समय पर समझती तो शायद सब ठीक होता है, इसलिए जीवन में सही सोचना बहुत जरुरी होता है, गलती से सीखना चाहिए, अगर आपको यह lomdi ki kahani पसंद आयी है शेयर करे,
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