ट्रैन वाली हिंदी कहानी, Train wali kahani

Train wali kahani

Train wali kahani, यह कहानी एक ट्रैन की है. इस ट्रैन वाली कहानी में एक लड़का जब ट्रैन में चढ़ता है. वह देखता है की कोई भी सीट खाली नहीं है. वह बहुत दुखी हो जाता है. क्योकि यह सफर बहुत समय तक चलता है. रात का समय हो रहा था. उसे बैठने की भी जगह नहीं मिल पायी थी. वह अभी खड़ा ही सफर कर रहा था. सोच भी रहा था. की आज पता नहीं यह रात कम भी हो सकती है. या नहीं. क्योकि अभी मुझे कोई भी जगह नहीं मिल पायी है.

ट्रैन वाली हिंदी कहानी :- Train wali kahani

Train wali kahani
Train wali kahani

जैसे जैसे {ट्रैन} आगे बढ़ रही थी. अब लग रहा था. कोई भी जगह मिलने वाली नहीं है. कुछ देर का समय बीत गया था. तभी एक अंकल उठ जाते है. वह सो रहे थे. वह बहुत बूढ़े थे. उन्होंने उस लड़के को देखा था. वह अभी भी खड़ा था वह क्या कर सकता था. उसे पता था आज उसे सीट नहीं मिलने वाली है. भले ही सोने की समस्या नहीं है. मगर बैठ सकता था. तो बहुत अच्छा होता. क्योकि यह सफर अभी बड़ा था. जिस जगह पर जाना था. उस जगह पर सुबह को ही पहुंचा जा सकता था.

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तभी वह बूढ़े अंकल उठकर उसे देख रहे थे. वह उसे अपने पास बुलाते है.

उसके बाद पूछते है की बेटा किस जगह पर जा रहे हो. तुम क्यों खड़े हो.

तभी वह लड़का उन्हें सब कुछ बता देता है. वह कहता है की मेरा सफर अभी बड़ा है.

मगर मुझे सीट नहीं मिल पायी है. यह सुनकर वह बूढ़े अंकल कहते है.

की आज की दुनिया बहुत स्वार्थी हो गयी है. अपने बारे में सिर्फ सोचती है.

अगर कोई किसी का भला कर भी देता है. तो वह उससे उम्मीद करने लग जाता है.

भविष्य में वह मेरे काम आ सकता है. अगर काम नहीं आ सकता है.

तो मदद ही कोई नहीं करता है. वह बूढ़े अंकल कहते है.

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तुम यहां पर आ जाओ. यहां पर तुम आराम से लेट सकते हो. मगर वह लड़का कहता है. आपको भी परेशानी होगी. क्योकि आप बुजुर्ग है. तभी वह बूढ़े अंकल कहते है. तुम यहां पर खड़े खड़े जा रहे हो, यह कोई अच्छी बात नहीं है. मुझे अच्छा नहीं लग रहा है. अगर में अपने जीवन में कुछ मदद कर सका तो बहुत अच्छा होगा. वह लड़का उनके पास बैठ जाता है. क्योकि वह उसे बुला रहे थे. मगर वह लेटता नहीं है. क्योकि उसे पता है. बूढ़े अंकल को समस्या हो सकती है. वह बूढ़े अंकल बात करते है. सफर बीत जाता है. रात भी बीत जाती है. बूढ़े अंकल को भी बहुत अच्छा लग रहा था.

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Train wali kahani, उसके बाद वह लड़का ट्रैन से उतर जाता है. वह बूढ़े अंकल का पता भी लेता है. क्योकि उनके व्यवहार भी मिल रहे थे. कुछ समय बाद वह मिलने भी जाता है. यह सफर (ट्रैन) से शुरू हुआ था. उसके बाद यह दोस्ती तक पहुंच गया था. जीवन में ऐसी समस्या भी आ सकती है. तो हमेशा मदद करे. कोई नहीं जनता है. की आपको किस जगह पर मदद की जरूर पड़ जाए. अगर आप मदद करते है तो आपको भी मदद जरूर मिलती है. अगर आपको यह कहानी पसंद आयी है. शेयर जरूर करे.    

ट्रैन में मदद हिंदी कहानी :- Train wali kahani

वह “ट्रैन” में बैठने वाला था. तभी एक छोटा लड़का आता है. वह उससे भोजन की मांग करता है. वह समझ जाता है. यह भूख है. मगर कोई अन्य नज़र नहीं आ रहा था. यह छोटा लड़का यहां पर अकेला है. उसे यह देखकर बहुत दुःख होता है. अभी ट्रैन को जाने में समय था. वह लड़का उससे पूछता है. तुम्हे भूख लगी है. मगर तुम यहां पर किसके साथ में रहते हो. वह कहता है. में यहां पर अकेला ही रहता हु.

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वह लड़का कहता है. अभी तुम मेरे साथ में आओ. वह उसे भोजन खिलाता है. मगर वह जानता है. यहां पर वह अकेला ही रहता है. यह ठीक नहीं है. यह यहां पर भीख मांग रहा है. इससे यह समस्या का सामना कर रहा है. मगर वह क्या कर सकता है. जब उसकी नज़र उस <ट्रैन> के प्लेटफ्रॉम पर जाती है. तो बहुत से बच्चे ऐसा कर रहे थे. वह किसे किसे देख सकता था. उसे कुछ भी समझ नहीं आता है. उसे लगता है. अभी तो वह उसे भोजन खिला सकता है. उसे भोजन देता है.

 

Train wali kahani, छोटा लड़का खाता है. उसके बाद वह लड़का उसे कुछ पैसे देता है. फिर अपनी {ट्रैन} में बैठ जाता है. वह चला जाता है. वह ट्रैन में बैठा हुआ सोचता जा रहा था. उसे लग रहा था. यह सब कुछ ठीक नहीं हो रहा है. मगर वह क्या कर सकता था. उसके पास अभी समय नहीं था. वह जल्दी में था. मगर इस बारे में वह जरूर कुछ अच्छा सोच सोचकर ही कुछ कर सकता था.जिसके लिए समय चाहिए था. मगर अभी वह समय उसके पास नहीं था. वह मदद कर सका था. यह बात सूए बहुत अच्छी लग रही थी. इसलिए अगर आप कुछ भी न कर पाए मदद जरूर करे.

ट्रैन और एक गांव की कहानी :-Train wali kahani

वह ट्रैन अभी नहीं आयी थी. उसका इंतज़ार हो रहा था. वह लड़का अपने दोस्त के गांव में पहली बार जा रहा था. उसे लग रहा था. पता नहीं वह कैसे उस गांव में पहुंच सकता है. क्योकि उस गांव का रास्ता उसे अभी पूरी तरह से नहीं पता था. मगर फिर भी वह जा रहा था. क्योकि उसके दोस्त ने कहा था. जब उसका ऑफिस बंद हो जायेगा वह कुछ दिन के लिए उसके पास आ सकता है.

 

इसलिए वह सोच रहा था. उसका दोस्त नाराज न हो जाये वह जा रहा था. तभी ट्रैन आती है. वह ट्रैन में बैठ जाता है. उसके बाद वह अपने उसी ख्याल में चला जाता है. जोकि वह सोच रहा था. अगले स्टेशन पर एक आदमी उसके पास आकर बैठ जाता है. वह बाते करने लगता है. शायद उसे बात करना अच्छा लगता होगा. तभी पता चलता है. वह आदमी भी उसी गांव में जा रहा था. जिस जगह पर वह लड़का जा रहा था.

 

Train wali kahani, अब वह लड़का अच्छा महसूस कर रहा था. क्योकि उसे एक साथी मिल गया था. जोकि उसकी मंजिल पर जा रहा था. यह जीवन है यहां पर कौन किसे कैसे भी मिल सकता है. इसलिए आपको डरने की जरूरत नहीं है. अगर आपके लिए कोई भी रास्ता नया क्यों न हो. आपको डरने की जरूरत नहीं है. आपको बस चलना होता है. मंजिल आपको मिल सकती है.

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